सफाई कर्मियों से संबंधितला जानकारी पूछे जाने पर भड़क उठे एडीओ पंचायत
अतुल्य भारत चेतना
रईस
बाबागंज/बहराइच। मकसद था गाँव को स्वच्छ बनाने का। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने राजस्व ग्राम स्तर पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती की है। हर माह वेतन पर सरकार करोडों रुपये खर्च भी कर रही है, लेकिन गाँव में सफाई तो दूर ग्रामीण सफाई कर्मचारी का चेहरा तक नहीं पहचानते। यह हाल तब है जब ग्राम पंचायत में सचिव व ब्लाक स्तर पर एडीओ पंचायत की तैनाती है। वेतन भुगतान के नाम पर पेरोल का अनूठा खेल ब्लाकों पर खेला जाता है। ब्लाक नवाबगंज में 78 सफाई कर्मी नियुक्त हैं, करीब दर्जन भर की संख्या के आसपास सफाई कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी तैनाती तो गाँव में है, लेकिन वह ब्लाक व सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाते हुए दिखते हैं, और कुछ बाबू की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसे में गाँवों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। नवाबगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत सोरहिया में सफाईकर्मी पद पर जितेन्द्र की तैनाती है। प्रेम कुमार, मुनीर अहमद, नफीस अहमद, नसीम, अंकुर आर्या, राम गोपाल शहर यार आदि ग्रामीणों ने बताया कि मैने गाँव में तैनात सफाई कर्मचारी को आज तक नहीं देखा है। सफाईकर्मी कभी क्षेत्र में नहीं आता है, और वेतन भुगतान हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत करने के बाद कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं शिकायती प्रार्थना पत्र दिये जाने पर सफाई कर्मी फोन पर शिकायत वापस लेने की धमकियां देते हुये कहता है कि ज्यादा नेता गिरी करोगे तो स्थानीय पुलिस से मिलकर तुम्हे फर्जी मुकदमे में जेल भिजवा दूँगा। जमुनहा बाबागंज ग्राम पंचायत में सफाईकर्मी कौन तैनात है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जबसे ग्रामीण में सफाईकर्मी की उत्पत्ति हुयी है, अब तक कोई सफाई करने नहीं आया। इस सम्बंध में जब ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी एडीओ पंचायत विकास अवस्थी से जरिये फोन सफाई कर्मचारियों से सम्बन्धित जानकारी लेनी चाही गयी तो वह भड़क गये और जब तक बात पूरी होती उन्होंने फोन काट दिया।