सूचीबद्ध कर संरक्षित की जा रही 80 से ज्यादा पुरातत्व प्रतिमाएँ
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (डीएटीसीसी) मृणाल मीना के निर्देश पर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में डीएटीसीसी की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न की गई। बैठक में प्रमुख रूप से अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ, एसडीएम अर्पित गुप्ता, सहायक कलेक्टर कार्तिकेय जायसवाल के अलावा डीएटीसीसी के अधिकारी, कर्मचारी और पर्यटन व पुरातत्वविद शामिल रहे। बैठक में मुख्य रूप से एजेंडे के छह बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर सुझाव लिए गए। बालाघाट टूरिज्म को कैसे विकसित व प्रमोट किया जा सकता है, इस पर चर्चाएं की गई।



बैठक की शुरूआत में सीईओ सराफ ने अवगत कराया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बिखरी पड़ी असंरक्षित करीब 80 से ज्यादा पुरातत्व प्रतिमाओं व संपदाओं को ट्रेक कर उन्हें सूचीबद्ध कर पंचायत के अधीन कर किया गया है। जिले के अनभिज्ञ स्थलों, स्मारकों, शिलालेखों एवं पुरातत्व व पर्यटन की दृष्टि से महत्व के स्थलों को विकसित करने के सबंध में भी चर्चा गई। पुरात्तव संग्राहालय के समग्र विकास, मिड वे ट्रीट के लिये भूमि चयन को लेकर भी चर्चाएं की गई। कान्हा उद्यान के निकट स्थित हवाई पट्टी, बैगा हाट के अलावा सोनेवानी वन्य प्राणी अनुभव कि क्षेत्र को लेकर भी चर्चाएं कर इन्हें विश्व पटल पर कैसे अंकित किया जा सकता है। इस पर सुझाव लिए गए। डीएटीसीसी नोडल व सहायक नोडल ने टूरिज्म प्रमोशन को लेकर तैयार किया गया विजन डाक्यूमेंट भी प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिस पर अनुमोदन के बाद शीघ्र काम शुरू करने की बात कही गई। इसी तरह बैहर एसडीएम ने बैगा हाट में फुटपॉल कैसे बढ़ाया जा सकता है, पर्यटकों के लिए क्या-क्या गतिविधियां की जा सकती है इस पर अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में डीएटीसीसी नोडल विकास रघुवंशी, सहायक नोडल रवि पालेवार, दीपक आड़े सहायक महाप्रबंधक एम पी आरआरडीए एमपीटी से दीपक बिसेन, कारपोरेशन से अनिल पाटीदार, वन विभाग से एसडीओ विनीता, पर्यटन प्रबंधक, एमके यादव, पुरातत्वविद वीरेन्द्र सिंग गहरवार, अभय कोचर वाद्ययंत्र संग्रहालय से जीआर घोडेश्वर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।