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विश्व पशु दिवस विशेष

By News Desk Oct 4, 2024
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7 लाख से अधिक गाय, भैंस और 2 लाख 50 हजार से अधिक बकरियों को लगाए गए टीके

अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे

बालाघाट। विश्व पशु दिवस विशेष
बालाघाट में हर व्यक्ति के हिस्से में 327 ग्राम दूध प्रत्येक दिन उपलब्ध
23 अंडे और 669 ग्राम मांस भी पशुओं से प्राप्त
पशु सुरक्षा में मुस्‍तैद विभाग, 7 लाख से अधिक गाय, भैंस और 2 लाख 50 हजार से अधिक बकरियों को लगाए टीके
प्रति वर्ष हम पशु अधिकारों और उनके कल्याण के लिए 4 अक्टूबर की अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस मनाते है। वर्तमान में मप्र शासन द्वारा पशुओं की सुरक्षा के लिए कई प्रयास कर रही है। पशुओं के लिए गौशाला निर्माण उनमें से एक है। साथ ही पशु जो आवागमन बाधित करते हैं। उन्हें सुरक्षित रूप से गोशालाओं और पशुपालकों को सौपने के लिए इन दिनों अभियान चल रहा है। बालाघाट पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक श्री अतुलकर ने बताया कि जिले में गाय व भैंस वंश के कुल 792733 पशु है। जबकि बकरा व बकरी वंश के 328851 कुल पशु है। पशुओं की सुरक्षा के लिए समुचित टीकाकरण का कार्य प्रगति पर है। अब तक जिले में गौ व भैंस वंश में 700950 पशुओं को फाइब्रोमास्क्युलर डिस्प्लेसिया का तथा 250400 बकरियों में पेस्टें डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स का टीका लगाया जा चुका है।

23 करोड़ 55 लाख किलो टन से अधिक दूध का प्रतिवर्ष उत्पादन

बालाघाट जिला पशु उत्पाद के मामले में अग्रणी जिलो में शामिल है। बालाघाट में प्रति वर्ष 230558626 किलो टन दूध का उत्पादन हो रहा है। जिससे जिले के प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में 0.327 ग्राम दूध उपलब्ध है। जबकि पशुओं से मिलने वाले अन्य उत्पादनों के बारे में बात करे तो प्रति वर्ष 1292393 टन मांस उत्पादित होता है। जो वर्ष में प्रति व्यक्ति के लिए 0.669 ग्राम की उपलब्धता है।वहीं जिले में 43809068 लाख अंडे वर्ष में प्राप्त हो रहे है। जो साल में एक व्यक्ति के लिए 23 अंडों की पूर्ति हो रही है।

पशु आधारित शासन द्वारा प्रचलित योजनाएं

पशु पालकों के कल्याण के लिए मप्र शासन द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही है। उनमें आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना संचालित है। इसमें सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख तथा अजा व अजजा वर्ष को अधिकतम 33 प्रतिशत यानी अधिकतम 2 लाख रुपये तक पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से रोजगार की स्थापना के लिए सहायता की जाती है। पशुधन बीमा योजना भी संचालित है। कुक्कुट विकास योजना व बकरी इकाई योजना में बैंक ऋण पर अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा अनेकों योजनाएं संचालित है।

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