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सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने मे कारगर: डॉ. जया चावला

By News Desk Sep 18, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप

रतनपुर/बिलासपुर। नारी की संकल्प शक्ति, अथाह भक्ति, और अपार निष्ठा को सम्मानित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर रतनपुर में तीज मिलन समारोह मे डॉ. जया चावला सहायक प्राध्यापिका शासकीय महामाया महाविद्यालय रतनपुर के मुख्य आतिथ्य में एवं सरस्वती बाल कल्याण समिति की कोषाध्यक्ष माधवी कश्यप की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में नीतू सिंह क्षत्रिय पार्षद वार्ड क्रमांक 2 गायत्री वैष्णव, पुष्पा तिवारी पूर्व पार्षद, राजकुमारी बिसेन मंडल महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा, सविता धीवर मंडल अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा, सरिता कमल सेन, शिवानी सोनी, सुनीता सोनी, उषा चौहान मंच पर विराजमान रहे।

सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों ने मां सरस्वती भारत मां एवं ओम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। तत्पश्चात मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई। स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम का प्रस्तावित भाषण सरस्वती बाल कल्याण समिति के सचिव एवं विद्यालय के व्यवस्थापक डॉक्टर सुनील जायसवाल ने सरस्वती शिशु मंदिर योजना के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए माता बहनों से आग्रह किया कि वह अपने बच्चों को संस्सकारित शिक्षा दिलाने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर मे प्रवेश दिलाए। विद्यालय के प्राचार्य मुकेश श्रीवास्तव ने तीज मिलन समारोह की उपयोगिता एवं विद्यालय के आधारभूत विषयों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विद्यालय की बहने सपना यादव, अदिति कश्यप, तनु मानिकपुरी, मनु मानिकपुरी. प्राची धीवर, कुसुम जायसवाल, कविता कोल ने रंगारंग सांस्कृतिक नृत्यो के माध्यम से उपस्थित माताओ को झूमने एवं पुरस्कार देने पर मजबूर कर दिया। विद्यालय की सांस्कृतिक प्रमुख वर्षा श्रीवास्तव ने इस अवसर पर उपस्थित माताओ के लिए ज्ञानवर्धक एवं रोचक प्रश्न पूछ कर खेल-खेल के माध्यम से विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा के महत्व को समझाते हुए अनेक प्रकार के मनोरंजक खेल करा कर माता बहनों को तत्काल सम्मानित करते हुए पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर जया चावला ने उपस्थित माताओ को संबोधित करते हुए हमारे त्योहारों के महत्व एवं परंपराओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारे आने वाली पीढ़ी को भी हम बता सके कि हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए त्योहारों का एक अपना अलग महत्व है जो पारिवारिक परंपरा एवं सामाजिक व्यवस्था के महत्व को दिखाता है। साथ ही उन्होंने कहा की नारियों के पीछे भी एक पुरुष का हाथ होता है जो उनकी देखभाल करके उन्हे सशक्त बनाने मे सहयोग करता है। उन्होने उपस्थित सभी बहनों से आग्रह किया कि दिन भर में कम से कम 1 घंटा सभी को अपने लिए निकालना चाहिए ताकि वह अपने लिए अपने मनपसंद कामो के लिए दे सके जो वे विवाह के पूर्व की जो उनकी योजनाएं रही हैं उन योजनाओं को और अपने रुचियो को पूरा कर सकें। सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही है इसलिए सभी बहनों को सामाजिक कुरीतियों का डटकर सामना करना चाहिए। ताकि वे अपने आने वाले जीवन में अपने बच्चों को वे सब कुछ दे सकें जो हमारे भारतीय सनातन व्यवस्था में बच्चों को सुसस्कृंत बनाने के लिए आवश्यक है। भारतीय नारी हमारी परिवार व्यवस्था की धूरी होती है। इस अवसर पर विभिन्न स्पर्धाओ की विजेता प्रतिभागी प्रमिला कश्यप, प्रभा मानिकपुरी, सुनीता सिंह बैस, नीलू पांडेय, उमा देवी, रत्ना सोनी, रोशनी गुप्ता को मंचस्थ अतिथियो ने स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर माताओ बहनो को प्रकृति संरक्षण के लिए आग्रह करते हुए एक पेड माँ के नाम की संकल्पना को दोहराते हुए मंचस्थ अतिथियो को तुलसी का पौधा गमले मे रोपित कर दिया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी 78 सुहागिन बहनो को हल्दी कुमकुम करके, सुहाग सामाग्री भेट की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने मे तृप्ति बघेल मनी फांसे, माधुरी बैसवाडे, दामिनी श्रीवास, सुशीला साहू, कुमारी कीर्ति कहरा, आकाश कश्यप. तुषार गुप्ता, राजेश्वरी कश्यप,राजू प्रधान, सर्वज्ञ श्रीवास्तव, क्षमा कश्यप, निधि यादव, माही कहरा का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की सांस्कृतिक प्रमुख वर्षा श्रीवास्तव ने एवं आभार प्रदर्शन बालिका शिक्षा प्रमुख कु. कीर्ति कहरा ने किया। सर्वे भवंतु सुखीनः की मंगल कामना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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