

अतुल्य भारत चेतना
अखिल सूर्यवंशी
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने की शिव लिंग की स्थापना
देवगढ़ के जंगल मे है यह मनकामनेश्वर शिव मंदिर
गड़ा धन पाने की लालच में शिव लिंग को उखाड़ कर डाल दी थी हरि चादर
वन विभाग की जमीन पर सैकड़ो की संख्या में बनाई गई अवैध मजारे विभाग मौन
देवगढ़। छिंदवाड़ा की पहचान जिस किले से है आज देश विदेश में जिस देवगढ़ के किले के नाम से छिंदवाड़ा के लोगो को जाना जाता है जो कि 16वी सदी का ऐतेहासिक किला है जहाँ गोंड़वंश के राजाओ का राज था यह किला मोहखेड़ तहसील से महज 14 km दूर जंगलो के बीच मे बना है यहां के राजा ने अपने राज्य क्षेत्र में जहां 900 कुए 800 बावड़ियों का निर्माण कराया था वही अनगिनत देवी देवताओं के मंदिर भी बनवाये थे कहा जाता है के यहां की चंडी माता आज भी जाग्रत है और समय समय पे लोगो को अपना आशीर्वाद भी देती है,किले से महज 1 कम की दूरी पर कलकोट रोड से अंदर एक ऐतिहासिक मनकामनेश्वर शिव मंदिर भी था जहाँ मंदिर के अंदर शिव लिंग थी जिसको वहां के बुजुर्गों और मध्यम आयु वर्ग के लोगो ने देखा है लेकिन जंगल के अंदर होने के कारण वहाँ भक्तो का आना जाना बंद हो गया था इसी बात का फायदा कुछ अन्य धर्मों के लोगो ने उठाया और इतिहास गवाह है के देवगढ़ किले के आस पास गड़ा हुआ धन होने की बात अक्सर लोगो के जुबान पर है और धन के लोभी अन्य समाज के लोगो ने इस शिव मंदिर में गड़ा धन निकालने के लिए खुदाई की तब उक्त ऐतेहासिक शिवलिंग को उखाड़ दिया लेकिन वहाँ धन मिला या नही मिला ये कहना मुश्किल ही पर वहां हरि चादर डाल कर मजार बनाने की तैयारी में थे जैसे ही इसबात की भनक विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लगी वो वहां पहुचे आस पास के बुजुर्ग ग्रामीणों से इस मंदिर के विषय मे जानकारी उठाई तो पता चला के उक्त मंदिर में पहले शिव लिंग हुआ करती थी लेकिन आवागमन कम होने के कारण वहां से कब शिवलिंग हटा दी गई कब चादर डाल दी गई किसी को कानो कान पता ही नही चला ।आज बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा पुनः उस पवित्र स्थान पर शिव लिंग की स्थापना कर पूजा आरती कराई गई कहा जाता है के उक्त मन्दिर को वहां के बुजुर्ग मनकामनेश्वर शिव मंदिर के नाम से जानते थे जहाँ श्रावण मास में आने वाले भक्तों के समस्त दुख,कष्ट,क्लेश भगवान भोलेनाथ हर लेते है आज जब श्रावण माष का पवित्र माह चल रहा है तो पुनः वहां शिव लिंग की स्थापना विधि विधान से कराकर उक्त मंदिर को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने का काम बजरंग दल ने किया।
वन विभाग के नाक के नीचे जंगलों में बनाई जा रही अवैध मजारे वन विभाग मौन बताते चले के लावाघोघरी परिक्षेत्र अंतर्गत मोहखेड़,देवगढ़ ,गोविन्द वाड़ी बीट में कई एकड़ पर अवैध मजारे बना दी गई है बाकायदा मजारो में पहुचने के लिए बिजली,सड़क बनाने के लिए परमिशन भी वन विभाग के द्वारा दी गई है जबकि कहते है के वन विभाग और रेलवे विभाग अपनी एक इंच भी जमीन किसी को नही देता फिर सेकड़ो की संख्या में मजारे किसके कहने पर बनाई गई जबकि ग्रामीणों की माने तो आज तक उन्होंने उस जगह पर एक भी मैय्यत आते नही देखी क्योंकि उस एरिया के हिन्दू समाज के अलावा कोई अन्य धर्मों के मानने वाले लोग नही रहते फिर मजारे कैसे,और किसकी बनाई गई। इस विषय मे वन विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश भी की गई जिसमें लावाघोघरी रेंजर हेमन्त भार्गव जी ने फोन नही उठाया तो DFO एल.के.वाशनीक जी का फोन कवरेज क्षेत्र में नही था जब बजरंग दल के पदाधिकारियों से संपर्क हुआ तो उनका भी कहना यही था के हम पिछले 15 दिनों से वन विभाग के अधिकारियों से हमारी मिलने की कोशिशें की जा रही पर वन विभाग के अधिकारी अपना कीमती समय हिन्दू संगठनों को नही देना चाह रहे है मतलब बजरंग दल के पदाधिकारियों से मिलने और बात करने से भी बचते नजर आ रहे है वन विभाग के आला अधिकारी इससे तो स्पष्ट हो रहा है के वन विभाग अपनी गलतियों को दबाने का भरशक प्रयाश कर रहा है।