Breaking
Wed. Jun 18th, 2025

हरेली धूमधाम से मनाया गया

By News Desk Aug 4, 2024
Spread the love

अतुल्य भारत चेतना
सत्यम जयसवाल

कटघोरा, छत्तीसगढ़। 4 अगस्त रविवार – हरियाली के पर्व हरेली की धूम इस बार कटघोरा के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली। पुरानी बस्ती, तहसील, जेंजर और डुडगा जैसे क्षेत्रों में किसान और ग्रामीण पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस पारंपरिक त्‍योहार को मना रहे हैं। हरेली त्‍योहार का विशेष महत्त्व छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति में है, जहां यह पर्व कृषि और फसल की समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने कृषि औजारों की सफाई कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। किसान अपने हल, कुदाल, हंसिया और अन्य कृषि उपकरणों को सजाकर देवी-देवताओं से अच्छी फसल और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। इस मौके पर गायों की भी विशेष पूजा की जाती है, जिन्हें गांव के लोग धरती माता का रूप मानते हैं। पुरानी बस्ती और तहसील में विशेष पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने पारंपरिक खेल और नृत्य का आयोजन किया, जहां पूरे गांव ने मिलकर इस उत्सव का आनंद लिया।जेंजर और डुडगा में भी हरेली त्‍योहार का उत्साह देखते ही बनता था। गांव के बड़े-बुजुर्गों ने युवा पीढ़ी को इस पर्व का महत्व बताया और परंपराओं को संजोने पर जोर दिया। इस त्‍योहार के मौके पर ग्रामीणों ने एक-दूसरे को ‘हरेली’ की शुभकामनाएं दीं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामूहिकता और आपसी सहयोग का संदेश दिया। हरेली त्‍योहार न केवल कृषि पर निर्भर ग्रामीण समाज की आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न अंग है।
ग्रामीण इलाकों में हरेली त्‍योहार की धूम ने कटघोरा में एक नया जोश और उमंग भर दिया है। इस प्रकार के त्‍योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को हमारी परंपराओं से जोड़ते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हरेली त्‍योहार हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का मौका देता है और हमारी जीवन शैली का अहम हिस्सा है।

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text