
अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता
बस्ती। लम्बी लड़ाई के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस चालक कुबेर नाथ पाठक को हाईकोर्ट ने वेतन सहित सेवा में बहाल किया, साथ ही हाईकोर्ट ने दो माह की अवधि में वेतन भुगतान न करने की स्थिति में आठ प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया है, कोर्ट ने सेवा नियमों के अनुसार पेंशन स्वीकार्य होने पर पेंशन भी देने का आदेश दिया है। परिवहन निगम ने 23 वर्ष पहले हुए सड़क दुर्घटना का दोषी मानते हुए चालक को निलम्बित करने के पश्चात 2006 मे सेवा से मुक्त कर दिया था, कुबेर नाथ पाठक ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में नियमित चालक के पद पर नियुक्त थे। दिनांक 20 मार्च 2001 में बस एवं मारुति वैन की सड़क दुर्घटना में टक्कर हो गई थी, जिसमें वैन में सवार चार लोगों की मृत्यु हो गई थी, दुर्घटना को लेकर बस चालक को आरोपित करते हुए निगम ने निलम्बन के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया था। वरिष्ठ केन्द्र ने प्रभारी ने जांच किया था, जिसमें बस चालक को दोषी नहीं पाया गया था, बस चालक की सूझबूझ से बस यात्री दुर्घटना से बच गए थे। इसके बावजूद क्षेत्रीय प्रबंधक फैजाबाद ने मृतकों के परिजनों को दिए गए क्षतिपूर्ति की बड़ी धनराशि के आधार पर बस चालक को दोषी सिद्ध करार दिया और सेवा से बर्खास्त कर दिया था, चालक ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के समक्ष अपील प्रस्तुत की थी, लेकिन प्रबंध निदेशक ने याचिकाकर्ता की अपील निरस्त कर दी थी।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामानन्द पाण्डेय व प्रदीप नारायण पाण्डेय ने पीड़ित की याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की, पक्षों को सुनने के पश्चात याचिकाकर्ता को पद प्रस्थापित करते हुए समस्त वेतन भुगतान करने का फैसला दिया गया है।