
अतुल्य भारत चेतना
हर्षा बनोदे
शतरंज का एक नियम बहुत ही अच्छा है चाल कोई भी चले पर अपने अपनो को नहीं मारता। सबसे तेज वही चलता है, जो अकेला चलता है लेकिन दूर तक वही जाता है जो सबको साथ लेकर चलता है कोशिश करे कि जिँदगी का हर लम्हा अपनी तरफ से हर किसी के साथ अच्छे से गुजरे क्योकि, जिन्दगी नहीं रहती पर अच्छी यादें हमेशा जिन्दा रहती हैं। शिक्षित बनो संगठित रहो
जन सेवा हिताय संगठन प्रमुख