
अतुल्य भारत चेतना
अमित त्रिपाठी
श्रमजीवी कार्यालय मिहींपुरवा में रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था
मिहींपुरवा बहराइच। जनपद के तहसील मिहीपुरवा में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की ओर से कार्यालय उद्घाटन एवं कार्ड वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रमजीवी यूनियन के जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा की ओर से फीता काटकर मिहींपुरवा नगर में स्थापित नवीन श्रमजीवी कार्यालय का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात तहसील के श्रमजीवी यूनियन के सदस्यों की ओर से समारोह में आये सभी अतिथियों एवं यूनियन के सदस्यों का बैच अलंकरण कर उनका माल्यार्पण किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि संगठन के जिला अध्यक्ष के हाथों तहसील मिहींपुरवा के श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सदस्यों को सदस्यता कार्ड वितरित किया गया। इस दौरान श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के तहसील अध्यक्ष एम. रशीद कहा कि संगठन का कार्य एक दूसरे सदस्यों का सुख-दुख बांटना होता है। इसलिए मिहींपुरवा नगर में नवीन कार्यालय की स्थापना की जा रही है। इस कार्यालय के माध्यम से संगठन के सदस्यों में आपसी जुड़ाव बढ़ेगा उन्होंने बताया कि श्रमजीवी कार्यालय पर रेजिडेंस (विश्रामालय) की भी व्यवस्था की गई है। श्रमजीवी संगठन के सदस्यों के लिए यह सुविधा मिहींपुरवा में उपलब्ध है। इस अवसर पर संगठन के जिला अध्यक्ष मुख्य अतिथि संजय मिश्रा ने कहा कि श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की मिहींपुरवा इकाई से पहली बार एक नई पहल की शुरूवात हो रही है। मिहींपुरवा श्रमजीवी कार्यालय पर जिले के सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों को रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। श्रमजीवी के जो सदस्य जंगल भ्रमण पर आये यदि वह चाहे तो रात्रि में मिहींपुरवा श्रमजीवी कार्यालय पर विश्राम भी कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षक एवं साहित्यकार मामून रशीद ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों एवं जिला पदाधिकारियो को पर्यावरण संरक्षण हेतु स्वःलिखित पुस्तक “द जंगल वाइस: बंद आंखे” भेट की।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा, परवेज अहमद, अज़ीम मिर्जा, कोषाध्यक्ष रमन सोनी, यूनियन के तहसील अध्यक्ष एम०रशीद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप नारायण मदेशिया, उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, सदस्यत मोहम्मद जमील कुरैशी, सदस्य अनिल चंद मिश्रा, सदस्य विशाल अवस्थी, सदस्य आदर्श पांडेय, मामून रशीद , मो० शरीफ, सानू समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे।