
सत्यम जायसवाल
अतुल्य भारत चेतना से
कोरबा छग । छग में विगत कई वर्षों से पदोन्नति प्रक्रिया में रुकावट और विसंगति दिखाई दे रही है , जिसमें नीचे से ऊपर पदोन्नति होने के कारण निचले सिरे के कर्मचारी को पदोन्नति हेतु पर्याप्त पद नही मिलने से आत्मग्लानि महसूस हो रही है। अधिकांश स्कूलों में पर्याप्त विषय का शिक्षक भी नही मिलने के कारण शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। नियम के तहत ऊपर से सर्वप्रथम प्राचार्य के पद का पदोन्नति फिर क्रमशः नीचे व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक की पदोन्नति प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। जिससे समस्त कर्मचारियों को पदोन्नति हेतु प्रयाप्त रिक्त पद मिल सकें। बहुत कुछ कारणों की वजह से निजी स्कूल में अधिकांश पालक अपने बच्चो को अच्छी अध्यापन के लिए मजबूर रहते है। सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल, लेक्चरर, टीचर, अधिकारी, कर्मचारी अपने बच्चो को निजी स्कूलों में दाखिला कर पढ़ाई के लिए संतुष्ट रहते है। यहां तक की सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में भोजन ,नाश्ता , छात्रवृत्ति , साइकिल वितरण, बुक,ड्रेस, भी निशुल्क रूप उपलब्ध करा रहे है। फिर भी स्कूल के बच्चे छग में अधिकांश टॉप टेन में क्यों नहीं आते ,क्या कारण है। बड़े बड़े पदों पर भी निजी स्कूल के बच्चे दिखाई देते है। सभी स्कूलों का बुक वही हैं।केवल पडाने का तरीका अलग अलग है।