अतुल्य भारत चेतना
रईस अहमद
बाबागंज/बहराइच। रुपईडीहा थाना के ग्राम चितरहिया गावँ में, उस वक्त एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया, जब एक माँ, अपने 3 वर्षीय अबोध बालक, जो काफी देर से गुम होने की तलाश में दर-दर भटकने लगी। किसी अनहोनी की आशंका में, वह रोते विलखते, घर के आसपास पड़ोसियों सहित गावँ के विभिन्न स्थानों पर ढूंढने व लोगों से पूछती रही, लेकिन उसके जिगर के टुकड़े का कहीं भी पता नहीं चल सका। काफी देर बाद जब उसे, उसी के ही ताला बंद भुसैले में किसी बच्चे की कराने की आवाज सुनाई पड़ी, तो वह भागी दौड़ी बन्द भुसैले का ताला खोल कर अंदर गयी, तो देखा कि उसका बेटा भूँसे के ढेर में दबा पड़ा कराह रहा है, तथा उसके मुँह में कपड़ा ठूंसा हुआ है और हाथ पैर बंधे हुये हैं।

जिसे ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाल कर बिना किसी देरी के, उसे कस्बा बाबागंज स्थिति निजी अस्पताल वर्मा नरसिंग होम में भर्ती कराया गया। जहाँ पर प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे की हालत को गम्भीर देखते हुये चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिये जिला चिकित्सालय बहराइच रेफर कर दिया। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि, माँ बेटा कल ही अपने मायके से घर आयी हुयी थी। घटने के बाद से बच्चे का पिता व दादी मौके से फरार बतायें जा रहे हैं। वहीं ग्रामीण दबी जुबान इस घटना को, तन्त्र मन्त्र की बात से भी जोड़ रहे हैं। वहीं कुछ का कहना है कि, पिता सुजीत वर्मा मंद बुद्धि का है। इस सम्बंध में जब थाना प्रभारी रुपईडीहा शमशेर बहादुर सिंह से बात की गयी तो उन्होंने ने बताया कि, मुझ तक अभी कोई सूंचना नही मिली है हम इसे तत्काल दिखवाते हैं।
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