अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल
कोरबा। कला एवं साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की 23 वीं प्रांतीय साधारण सभा, ऐतिहासिक – पौराणिक एवं धार्मिक नगरी रतनपुर के सिद्धिविनायक मंदिर परिसर में प्रांत के 11 जिलों से आए हुए 63 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संपन्न हुई। छः सत्रों में हुई इस दो दिवसीय साधारण सभा की शुरुवात निरंजन पंडा अखिल भारतीय लोककला सहप्रमुख, अनिल जोशी मध्य क्षेत्र प्रमुख एवं रिखी सिंह क्षत्रिय प्रांतीय अध्यक्ष के आतिथ्य में हुई । मां भारती के समक्ष दीप प्रज्जवलन के पश्चात ध्येय गीत से सत्र प्रारंभ हुआ। प्रथम सत्र में वार्षिक प्रतिवेदन प्रांतीय महामंत्री हेमन्त महुली कर ने रखा, गत वर्ष के आय व्यव के साथ वर्तमान कोष की जानकारी प्रांतीय कोष प्रमुख जागेश्वर सिंह मानसर द्वारा दी गई, जिसका अनुमोदन उपस्थित सभी प्रतिनिधियों द्वारा ओंकार ध्वनि के साथ किया। प्रांत के कोष को पुष्ट करने हेतु कला / मंगल निधि के रूप राशि दान करने आग्रह किया गया । अनेक सदस्यों ने स्वेच्छा से दान की राशि कोषाध्यक्ष को सौंपी । पंडा ने उद्बोधन में कहां की संस्कार भारती की आज तीसरी पीढ़ी उपस्थित है । भारतीय संस्कृति को विश्व में स्थापित करने के लिए कलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है । परंतु हमारी संस्कृति के विरोधी तत्व इसे नष्ट करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं अतः सभी कला साधक एकत्र होकर अपनी-अपनी कला के माध्यम से प्रयास करेंगे तो निश्चित ही विजय प्राप्त होगी। गत वर्ष संस्कार भारती के दिवंगत स्वजनों को श्रद्धांजलि दी गई।

द्वितीय सत्र विभिन्न जिलों से आए हुए अध्यक्षों के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ, जिला इकाइयों के महामंत्रियों द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें गत वर्ष प्रदेश में संस्कार भारती के तत्वावधान में हुए अनेक देश – प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण सभा के समक्ष रखा गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत उड़ीसा से आए कला साधिकाओं देवकी मलिक , सुनीमा प्रधान एवं स्वतीका प्रधान द्वारा ओडिसी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई । इन युवा कला साधकों को संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की ओर से महंत दिव्याकांत दास जी ने सम्मानित किया।
द्वितीय दिवस प्रातः सभी कार्यकर्ताओं ने मां महामाया के दर्शन पश्चात तृतीय सत्र में शिरकत की। मध्य क्षेत्र प्रमुख जोशी ने ” रीति नीति और व्यवस्था ” इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा की हम सभी को एक कार्यकर्ता की जिम्मेदारी निभाते हुए अनुशासित होकर अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करनी चाहिए। उन्होंने कहा संस्कार भारती में पद नहीं दायित्व स्वीकारा जाता है। कोई भी कार्य दायित्व में रहकर ही करें ये जरूरी नहीं एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य को करना सीखना होगा । कला और संस्कृति समाज का विषय है केन्द्र या राज्य सरकारेंं उसके संरक्षण में सहयोग करती हैं यह अच्छी बात है परंतु संवर्धन , पोषण यह समाज का ही कार्य है। संस्कार भारती के कला साधक 1981 से इसी कार्य में संलग्न है।

चतुर्थ सत्र में अखिल भारतीय लोक कला सह संयोजक निरंजन पंडा जी का मार्गदर्शन मिला। जिसमे उन्होंने कार्यक्षेत्र में साध्य, साधन और साधक इन बिंदुओ पर विस्तार से चर्चा कर उपस्थित प्रतिनिधियों के विचार भी लिए। उन्होंने संस्कार भारती की कार्यपद्धति पर भी प्रकाश डाला। प्रांत साहित्य संयोजक डा. विश्वनाथ कश्यप ने राजमाता अहिल्या बाई होलकर के व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी देते हुए समाज में भारतीय संस्कृति को स्थापित करने हेतु उनके योगदान को याद किया। ज्ञातव्य है कि 31 मई 2024 से 31 मई 2025 तक देश में राजमाता अहिल्या की जयंती का त्रिशताब्दी वर्ष मनाया जाएगा ।
पंचम् सत्र में वर्ष 2024 से 2027 के लिए प्रांत की नवीन कार्यकारिणी का निर्वाचन हुआ । निर्वाचन अधिकारी के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पालक अधिकारी श्री गोपाल यादव जी विशेष रूप से उपस्थित थे । दुर्ग व मुंगेली जिला के अध्यक्षों कीर्ति व्यास और रमेश कुलमित्र ने प्रदेश के प्रसिद्ध लोक कलाकार एवं लगभग 200 आदिवासी वाद्य यंत्रों के संग्राहक रिखी क्षत्रिय के नाम का प्रस्ताव नए प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में सदन के समक्ष रखा , जिसका अनुमोदन कांकेर एवं सक्ति जिला महामंत्री अवधेश लारिया एवं मनोज तिवारी द्वारा किया गया । प्रांतीय महामंत्री के रूप में श्री हेमन्त माहुलीकर एवं प्रांतीय कोष प्रमुख मानसर निर्वाचित हुए। नवनिर्वाचित प्रांत अध्यक्ष ने प्रबंधकारिणी के अन्य सदस्यों के रूप में निम्नलिखित कला साधकों की घोषणा की —
कार्याध्यक्ष डॉ माणिक विश्वकर्मा “नवरंग” रायपुर , उपाध्यक्ष डॉ योगेंद्र योगेंद्र चौबे खैरागढ़ , उपाध्यक्ष डॉ जयमति कश्यप कोंडागांव , सह महमंत्री डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकार रायपुर , सह कोषाध्यक्ष लोकेश पवार रायपुर , मातृशक्ति संयोजिका श्रीमती शैलदुलारी सार्वा रायपुर , मातृशक्ति सहसंयोजिका श्रीमती सुधा देवांगन रायगढ़ , मंत्री सचिन काले बिलासपुर , सदस्य डॉ शुभ्रा रजक तिवारी रायपुर , रुपेश अग्रवाल रायपुर ,श्री रीजेंद्र गंजीर कांकेर , कबीर चंद्राकर रायपुर । सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का स्वागत अक्षत रोली से किया गया । नवीन अध्यक्ष रिखी क्षत्रिय ने अपने उद्बोधन में संस्कार भारती हेतु समर्पित होकर कार्य करने व अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करने की बात कही ।
षष्ठम् सत्र में साधारण सभा समापन समारोह महंत दिव्यकान्त दास जी के मुख्य आतिथ्य एवं श्री रिखी क्षत्रिय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर श्री गोपाल यादव पालक अधिकारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा अपने उद्बोधन में कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक शिष्टाचार इन पांच बिंदुओ पर विस्तार से बताते हुए कहा कि देश के भविष्य के लिए ये पांच बिंदु बहुत महत्वपूर्ण हैं । अपनी कलाओं की अभिव्यक्ति इन पांच बिंदुओं के माध्यम से यदि समाज में होगी तो परिवर्तन का एक सकारात्मक दृश्य उपस्थित होगा । मुख्य अतिथि महंत दिव्यकान्त दास ने अपने उद्बोधन में कहा की मां भारती एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन की महती जिम्मेदारी संस्कार भारती के कंधो पर है और इस जिम्मेदारी का निर्वहन संस्कार भारती भली भांति कर रही है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण में संस्कार भारती के कार्यकर्ता सेनापति सदृष्य हैं।
अंत में साहित्य संयोजक डा. विश्वनाथ कश्यप द्वारा सभी अतिथियों व प्रतिनिधियों का काव्यमय आभार किया गया। वन्देमातरम् गान के साथ सभा का विधिवत् समापन हुआ।
साधारण सभा में कोरबा जिले से महामंत्री शिव दुबे गुरुजी सह-महामंत्री अखिलेश श्रीवास कोषाध्यक्ष आशीष शर्मा, लोक कला प्रमुख अरुण दास वैष्णव संभाग प्रमुख सी आर देवांगन ने सहभागिता की।
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