अतुल्य भारत चेतना
अमित त्रिपाठी
बहराइच। कैलाश रमोला कमांडेंट 59वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, नानपारा के नेतृत्व में वाहिनी परिसर व अधीनस्थ समवायों द्वारा दिनांक 05 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधा रोपित कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जिसमे एस.एस.बी बलकर्मियों, संदिक्षा संदस्यों और सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों एवं युवाओं ने बढ़ – चढ़ भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान जामुन, आवल, अमरूद, निम्बू एवं शीशम के कुल 650 पौधे लगाये गए तथा ग्रामीणों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।कमांडेंट , 59वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने बलकर्मियों एवं ग्रामीण जनता को विश्व पर्यावण दिवस के संक्षिप्त इतिहास के बारे में अवगत कराया कि विश्व पर्यावण दिवस पहली बार 05 जून 1973 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया गया था तब से सभी देश 05 जून को विश्व पर्यावण दिवस के रूप में मनाता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल एक विशेष थीम चुनी जाती है, जो किसी खास पर्यावरणीय मुद्दे पर चर्चा को बढ़ावा देती है जिसके क्रम में इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता को लक्षित करना है।यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हम प्रकृति के संरक्षण है और एक स्वस्थ पर्यावण सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। भारत समेत पुरे विश्व में प्रदुषण तेजी से फैल रहा है बढ़ते प्रदुषण के कारण प्रकृति खतरे में है। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरुरी चीज को उपलब्ध कराती है।ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो हमारा जीवन प्रभावित होगा, इसलिए हमें पर्यावण को संरक्षण करना चाहिए।हम सभी को ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए ताकि हमारी प्रकृति एवं हमारे आसपास के वातावरण शुद्ध बना रहे साथ ही साथ हमें आसपास साफ सुथरा रखे , पानी की बचत करे, बिजली का कम उपयोग करे, एवं प्लास्टिक से बने वस्तुओं का दुरूपयोग करे।पृथ्वी हमारा एकमात्र आवास है और इसका संरक्षण कराना हमारा सामूहिक दायित्व है अगर प्रकृति नहीं बची तो धरती पर मानव जीवान संभव नहीं है। इस कार्यक्रम के दौरान शेखर बजाज, उप कमांडेंट, अभिनव कश्यप, उप कमांडेंट, हिमांशु दुबे, उप कमांडेंट, डॉ. विकास कुमार सिंह, उप कमांडेंट (पशु चिकित्सक), डॉ. आकिब अजाज GDMO के साथ वाहिनी के समस्त बलकार्मिक, मीडियागण एवं सीमावर्ती क्षेत्र के संप्रभात नागरिक उपस्थित रहे।
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