अतुल्य भारत चेतना
रईस अहमद
रुपईडीहा/बहराइच। बहराइच से सटे नेपाली शहर नेपालगंज स्थित महेंद्र पुस्तकालय के सेमिनार हॉल में शनिवार 26 मई को ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी और उनके शहीद साथियों के लिए एक विशाल शोक सभा का आयोजन किया गया।
नेपाल में पहली बार “एक्टिव यूनियन ऑर्गनाइजेशन” और नेपालगंज के मुस्लिम समुदाय के सहयोग से सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक ईरानी राष्ट्रपति और उनके शहीद साथियों के लिए शोक सभा आयोजित की गई।

इस शोकसभा में आलिम उलमा, पत्रकार, प्रोफेसर, कवि, लेखक, बच्चे, युवा, महिला पुरुष और नेपाली और भारतीय मुसलमानों के विभिन्न समुदाय एवं कई हिंदू भाइयों ने भाग लिया और ईरानी राष्ट्रपति और उनके शहीद साथियों पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
शोक की शुरुआत कारी सगीर अहमद खान द्वारा पवित्र कुरान के पाठ से हुई और सबसे पहले सभी प्रतिभागियों द्वारा ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी और उनके शहीद साथियों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखा गया।
अबू सहमा ने नात पाक पढ़ी और मौलाना हाफिज शाकिर अली, डॉ. तौफीक खान, हाजी कदिर अंसारी, हाजी मेराज हिमालय, कारी सगीर अहमद खान, आदिल सरवर नेपाली, मौलाना मेराज अहमद और मुहम्मद रशीद ने शहीदों पर कविताएं पढ़ीं।
हुज्जतुल इस्लाम डॉ. जैनुल आबेदीन ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी की जीवनी पर उर्दू में विशेष भाषण दिया।
शोक सभा की अध्यक्षता मौलाना मंसूर आरफ़ी ने की, जिन्होंने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी के विचारों और जीवन को मुस्लिम समाज के लिए आदर्श बताया और सभी शहीदों के लिए दुआ कि।
मौलाना कलीम अहमद अरफी, नेपाल के सांसद हाजी अब्दुल हमिद सिद्दीकी और पत्रकार शाहिदा शाह वाहीदी ने शहीदों और वर्तमान मुस्लिम समाज के बारे में अपने विचार रखे।
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