नित्य नवीन हो भगवान के प्रति भक्ति : प्रेमधन लालन
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
वृन्दावन। गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच राधावल्लभीय निर्मोही अखाड़ा श्रीहित रासमण्डल वृन्दावन धाम में चल रही 108 श्रीमद्भागवत कथा शुक्रवार के दिन हवन-पूजन व हजारों साधु-संतों के भंडारे के साथ संपन्न हुई।

श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के सानिध्य में हुई 108 श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ पर विराजमान प्रेमधन लालन ने भक्तजनों को कथा का रसपान कराया।

कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है, भागवत कथा का श्रवण करने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भागवत कथा का श्रवण करने से राजा परीक्षित को मुक्ति की प्राप्ति हुई थी। भगवान के प्रति जीव की भक्ति नवीन व युवा होनी चाहिए, नित्य नए-नए भाव से भगवान की भक्ति करनी चाहिए।

इस मौके पर श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज, महंत सुंदरदास, महंत सच्चिदानंद दास, महंत फूलडोल दास महाराज, महंत दम्पति शरण महाराज, राधावल्लभ वशिष्ठ, इन्द्र शर्मा, दिनेश सिंह तरकर सहित सहित हजारों की संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
subscribe our YouTube channel