अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। मिहींपुरवा तहसील में उप निबंधक कार्यालय को नवीन तहसील परिसर में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर आदर्श बार एसोसिएशन ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। इस मांग के समर्थन में गुरुवार, 17 जुलाई 2025 को आदर्श बार एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित एक बैठक में अधिवक्ताओं ने 21 जुलाई 2025 तक न्यायिक कार्यों का बहिष्कार और कलमबंद हड़ताल का ऐलान किया। अधिवक्ताओं का कहना है कि पुराने तहसील परिसर में उप निबंधक कार्यालय का संचालन अधिवक्ताओं और आम नागरिकों के लिए भारी असुविधा का कारण बन रहा है।
आंदोलन का कारण और मांग
आदर्श बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने बताया कि मिहींपुरवा तहसील का पूरा प्रशासनिक तंत्र और न्यायालय नवीन तहसील परिसर में स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके बावजूद, उप निबंधक कार्यालय अब भी पुराने तहसील परिसर में संचालित हो रहा है। इस स्थिति से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं:
इसे भी पढ़ें : ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हिना खान बनीं कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एंबेसडर
अधिवक्ताओं को असुविधा: पुराने और नए तहसील परिसर के बीच की दूरी के कारण अधिवक्ताओं को कार्य निपटाने में समय और संसाधनों की बर्बादी हो रही है।
नागरिकों की परेशानी: आम नागरिकों, विशेष रूप से वादकारियों, को रजिस्ट्री और अन्य कार्यों के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर जाना पड़ रहा है, जिससे समय और धन की हानि हो रही है।
प्रशासनिक असंगति: तहसील के अन्य सभी कार्य नवीन परिसर में होने के बावजूद उप निबंधक कार्यालय का पुराने परिसर में रहना प्रशासनिक दक्षता को प्रभावित कर रहा है।
इसे भी पढ़ें : गर्मी में कूलर को बनाएं AC : आसान हैक्स और टिप्स
एसोसिएशन ने आयुक्त, बहराइच को सौंपे गए एक ज्ञापन में मांग की है कि उप निबंधक कार्यालय को अविलंब नवीन तहसील परिसर में स्थानांतरित किया जाए। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिवक्ताओं ने कई बार संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
हड़ताल और आंदोलन
आदर्श बार एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर अपनी मांग को और बल देने के लिए 21 जुलाई 2025 तक न्यायिक कार्यों का बहिष्कार और कलमबंद हड़ताल का निर्णय लिया है। इस दौरान अधिवक्ता किसी भी न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ने की संभावना है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसमें बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और अन्य कदम शामिल हो सकते हैं।
समान आंदोलनों का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में उप निबंधक कार्यालयों के स्थानांतरण को लेकर अधिवक्ताओं ने आंदोलन किया हो। उदाहरण के लिए, 28 अप्रैल 2025 को मिर्जापुर के लालगंज में विंध्य अधिवक्ता समिति ने तहसील परिसर से उप निबंधक कार्यालय के स्थानांतरण का विरोध किया था और पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे थे। समिति ने मांग की थी कि उप निबंधक कार्यालय तहसील परिसर में ही संचालित हो। इसी तरह, 14 मई 2025 को नौतनवा तहसील में अधिवक्ता नागेंद्र शुक्ला ने उप निबंधक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए धरना दिया था। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि उप निबंधक कार्यालयों के स्थान और संचालन से संबंधित मुद्दे अधिवक्ताओं और वादकारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रशासन से अपेक्षा
अधिवक्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि उप निबंधक कार्यालय को नवीन तहसील परिसर में स्थानांतरित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि नवीन परिसर में पर्याप्त स्थान और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कार्यालय के संचालन को और अधिक सुगम बनाएंगी। यह कदम न केवल अधिवक्ताओं और वादकारियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में एकरूपता और दक्षता भी लाएगा।
इसे भी पढ़ें : Shiv Mandir Lucknow; लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर और उनकी महिमा
मिहींपुरवा में आदर्श बार एसोसिएशन का यह आंदोलन उप निबंधक कार्यालय के स्थानांतरण की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है। 21 जुलाई 2025 तक की कलमबंद हड़ताल और न्यायिक कार्यों का बहिष्कार प्रशासन पर दबाव बनाने का एक प्रभावी प्रयास है। यह आंदोलन न केवल अधिवक्ताओं की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि आम नागरिकों की सुविधा और प्रशासनिक दक्षता के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि प्रशासन इस मांग पर समय रहते कार्रवाई करता है, तो यह क्षेत्र में रजिस्ट्री कार्यों को सुगम बनाने और सामुदायिक संतुष्टि बढ़ाने में सहायक होगा।