अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
सौसर/पांढुर्णा। सौसर विधानसभा क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस नेता सोपान कोहले के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने तहसील कार्यालय सौसर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के माध्यम से किसानों ने खाद की उपलब्धता और रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग उठाई। धरने के बाद उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपा गया, जिन्होंने मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
किसानों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारी किसानों ने निम्नलिखित दो प्रमुख मांगें रखीं:

- सभी किसानों के लिए खाद की उपलब्धता: सौसर विधानसभा में सेवा सहकारी समितियां केवल उन किसानों को खाद प्रदान कर रही हैं, जिनके किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खाते सक्रिय हैं। कांग्रेस नेता सोपान कोहले ने मांग की कि ओवरड्यू खातों वाले किसानों और बिना केसीसी खाते वाले किसानों को भी नगद में पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जाए।
- रबी फसलों की शासकीय खरीद: इस वर्ष सौसर क्षेत्र में मूंग और मूंगफली की रबी फसलों का रकबा बढ़ा है। किसानों के हित में सौसर कृषि उपज मंडी में तत्काल समर्थन मूल्य पर शासकीय खरीद शुरू की जाए।
धरना प्रदर्शन का विवरण
सोपान कोहले के नेतृत्व में सैकड़ों किसान तहसील कार्यालय सौसर के समक्ष एकत्र हुए और सांकेतिक धरना दिया। धरने के दौरान किसानों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपील की। सोपान कोहले ने कहा, “किसान हमारे देश की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी समस्याओं की अनदेखी हो रही है। खाद की कमी और समर्थन मूल्य पर खरीद की अनुपस्थिति से किसान परेशान हैं। हमारी मांगें तत्काल पूरी की जाएं।”

धरने के बाद, किसानों ने सौसर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने मंडी इंस्पेक्टर और सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक से फोन पर चर्चा की और मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ।
किसानों की चेतावनी
किसानों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। किसान नेता विक्की कालबाडे ने कहा, “हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी है, लेकिन यदि प्रशासन ने हमारी मांगों को नजरअंदाज किया, तो हम बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।”
धरने में शामिल प्रमुख व्यक्ति
धरना प्रदर्शन में निम्नलिखित किसान और सामाजिक नेता शामिल थे: विक्की कालबाडे, विजय घाटौड, निवृत्ति कोहले, मेघराज उइके, युवराज पराड़कर, प्रेमराज गजभिए, मानिक धुर्वे, रामजी बनके, महेश पगारे, राजेंद्र इगोले, संजय धुर्वे, आभिनय चौरे, कोमल भालेराव, रत्नाकर ठाकरे, मयुर फोले, सुरेश धुरबाडे, रामदास इगोले, योगेश बनाईत, संदीप धान्डे, संजय पावनकर, मोतीलाल धुर्वे, ज्ञानलाल कुमरे, आदित्य फोले, भूषण चौरे, सुखलाल भलावी, सुरेश पराड़कर, संतोष सरयाम, भाऊराव धुर्वे, अशोक कोघे, शरद इगोले, विनायक किनकर, इदल कोरडे, विक्की मानकर, सुनील सिलु, मनीष सोमकुवर, देवराव सेवतकर, राजू सोमकुंवर, और अन्य किसान भाई।
प्रदर्शन का प्रभाव और अपेक्षाएं
यह धरना प्रदर्शन सौसर विधानसभा के किसानों की समस्याओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण रहा। खाद की उपलब्धता और समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की मांगें क्षेत्र के किसानों के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। सोपान कोहले ने कहा, “हमारी लड़ाई किसानों के अधिकारों और सम्मान के लिए है। सरकार और प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ मिले।”

एसडीएम के आश्वासन से किसानों में उम्मीद जगी है कि उनकी मांगें जल्द पूरी होंगी। हालांकि, किसानों ने स्पष्ट किया कि वे प्रशासन की कार्रवाइयों पर नजर रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर पुनः आंदोलन करेंगे। यह प्रदर्शन सौसर में किसानों की एकजुटता और उनके हक के लिए जागरूकता का प्रतीक बन गया है।