अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा/भोपाल। मध्य प्रदेश में अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की लड़ाई ने एक नया मोड़ लिया है। नर्मदापुरम सांसद और जुझारू किसान-श्रमिक नेता दर्शन सिंह चौधरी ने भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय में अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के साथ विस्तृत चर्चा की। इस मुलाकात में अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं, खासकर नौकरियों में लागू अस्थाई और आउटसोर्स प्रथा को समाप्त करने पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

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प्रमुख बिंदु:
- लिखित सुझाव और सहमति: वासुदेव शर्मा ने अस्थाई और आउटसोर्स प्रथा को समाप्त करने के लिए कुछ लिखित सुझाव सांसद दर्शन सिंह चौधरी को सौंपे, जिन पर सांसद ने सहमति जताई। उन्होंने इन मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने और कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल को उनसे मिलवाने का आश्वासन दिया।
- प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात: जल्द ही ग्राम पंचायतों के अस्थाई कर्मचारी, स्कूलों और छात्रावासों के अंशकालीन और आउटसोर्स कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगें रखेगा।
- जून में महासम्मेलन: सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने जून 2025 में प्रस्तावित महासम्मेलन को अपनी मंजूरी दी। इस सम्मेलन की तारीख जल्द घोषित की जाएगी। यह पहला अवसर होगा जब सरकार के प्रतिनिधि अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों के सम्मेलन में शामिल होंगे, जिसे ऐतिहासिक बनाने की जिम्मेदारी सभी कर्मचारियों की होगी।
- कामगार क्रांति आंदोलन की भूमिका: वासुदेव शर्मा ने बताया कि कामगार क्रांति आंदोलन के तहत चलाए जा रहे सतत प्रयासों ने अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया है। इस आंदोलन के दबाव के चलते ही सांसद दर्शन सिंह चौधरी से यह चर्चा संभव हो सकी।
सांसद का सहयोग:
सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कर्मचारियों के मुद्दों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि वे इन समस्याओं के समाधान के लिए हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने अस्थाई और आउटसोर्स प्रथा को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसे समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनकी यह प्रतिबद्धता कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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कर्मचारियों की मांगें:
- नौकरियों में अस्थाई और आउटसोर्स प्रथा का पूर्ण उन्मूलन।
- न्यूनतम वेतन 21,000 रुपये सुनिश्चित करना।
- नौकरी में स्थायित्व और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी।
- ग्राम पंचायतों, स्कूलों, छात्रावासों और अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण।
ऐतिहासिक महासम्मेलन की तैयारी:
जून में होने वाला महासम्मेलन अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस सम्मेलन में प्रदेशभर से हजारों कर्मचारी शामिल होंगे और अपनी मांगों को जोरदार तरीके से सरकार के समक्ष रखेंगे। वासुदेव शर्मा ने सभी कर्मचारियों से इस आयोजन को सुव्यवस्थित और ऐतिहासिक बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है।
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कर्मचारियों में उत्साह:
सांसद दर्शन सिंह चौधरी के सकारात्मक रुख और मुख्यमंत्री से मुलाकात के आश्वासन से कर्मचारियों में नई उम्मीद जगी है। कर्मचारी मोर्चा के नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है और जल्द ही अन्यायपूर्ण अस्थाई और आउटसोर्स प्रथा का अंत होगा।

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कामगार क्रांति आंदोलन और सांसद दर्शन सिंह चौधरी के सहयोग से अस्थाई और आउटसोर्स कर्मचारियों की आवाज अब सरकार के उच्च स्तर तक पहुंच रही है। जून में होने वाला महासम्मेलन इस संघर्ष को और मजबूती देगा। यह आयोजन न केवल कर्मचारियों के हक की लड़ाई को बल देगा, बल्कि मध्य प्रदेश में श्रमिक नीतियों में बड़े बदलाव का आधार भी तैयार कर सकता है।