अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद रजक
बिलासपुर। ऑपरेशन सिंदूर विजयगाथा अभियान के अंतर्गत जिला कलेक्टर बिलासपुर के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सुरक्षा, वीर सैनिकों के मनोबल और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सेजेश सीपत में 17 मई 2025 को एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिला एवं बाल विकास विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें भारतीय सेना की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया गया।
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तिरंगा यात्रा का शुभारंभ और मार्ग
तिरंगा यात्रा सेजेश सीपत के विद्यालय परिसर से प्रारंभ हुई और तहसील, नवाडीह बस स्टैंड, सीपत तक ओजपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। यात्रा के दौरान प्रतिभागियों ने “ऑपरेशन सिंदूर के साथ राष्ट्र”, “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक”, और “हम सेना के साथ हैं” जैसे नारों के साथ जयघोष किया। देशभक्ति से भरे स्लोगन और जयकारों ने रैली को एक विशेष उत्साहपूर्ण स्वरूप प्रदान किया।

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भाजपा नेताओं का संबोधन
रैली के समापन के बाद भाजपा मंडल अध्यक्ष सीपत दीपक शर्मा और पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष राज्यवर्धन कौशिक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना की अदम्य वीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को विश्व पटल पर स्थापित किया है। दोनों नेताओं ने उपस्थित जनसमूह से देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता को और सशक्त करने का आह्वान किया। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ व्याख्याता पवन पटेल ने किया।
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उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष राज्यवर्धन कौशिक, महामंत्री सतीश पाटनवार, हरिकेश गुप्ता, ढोला राम कैवर्त, बसंत साहू, नागेश्वर सिंह, रामकुमार कुम्भकार, रामफल धीवर, तिरुपति पाटनवार, कुलेश्वर पाटनवार, सुरेश पटेल, प्राचार्य गुड़ी भरत गंगवानी, वरिष्ठ व्याख्याता सरिता यादव, पवन पटेल, गायत्री कौशिक, आरती त्रिपाठी, लोभेराम साहू, व्यायाम शिक्षक के.पी. कश्यप, अरुण जायसवाल, संकुल शैक्षिक समन्वयक प्रमोद कुमार पाण्डेय, श्रीकांत श्रीवास, रामप्रसाद साहू, तुलेश्वर सिंह कौशिक, धर्मेंद्र प्रकाश गौरहा, प्रधान पाठक, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक, शिक्षिकाएँ, छात्र-छात्राएँ सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
यह तिरंगा यात्रा न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव थी, बल्कि राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति और भारतीय सेना के प्रति सम्मान का प्रतीक भी बनी। यात्रा में शामिल सभी प्रतिभागियों ने एक स्वर में भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया और देश की सुरक्षा के लिए हमेशा साथ खड़े रहने का संकल्प दोहराया।