अतुल्य भारत चेतना
रईस
नानपारा/बहराइच। भीषण गर्मी और घटते जलस्तर के बीच बहराइच जिले के विकासखंड बलहा में ग्राम पंचायतों के तालाबों, पोखरों, और अमृत सरोवरों में पानी भरवाने का अभियान चलाया गया। इस पहल से न केवल पशु-पक्षियों को पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, बल्कि मानव जीवन को भी राहत प्रदान की गई। यह अभियान जिलाधिकारी मोनिका रानी के आदेश, मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चंद्र के निर्देशन, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार सतीश पांडे के मार्गदर्शन, और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) बलहा सुश्री अपर्णा की अगुवाई में संचालित किया गया।
इसे भी पढ़ें: एक लाख रुपये प्रतिमाह कैसे कमाएं?
अभियान का उद्देश्य और कार्य
भीषण गर्मी के कारण जिले के कई तालाब, पोखर, और अमृत सरोवर सूख गए थे, जिससे पशु-पक्षी पानी के लिए व्याकुल हो रहे थे। भूजल स्तर में कमी और गर्मी के प्रकोप ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। इस संकट को देखते हुए बलहा विकासखंड की ग्राम पंचायतों में सफाई अभियान चलाकर तालाबों और अमृत सरोवरों को पानी से भरने का कार्य शुरू किया गया। ट्यूबवेल और जनरेटर पंपिंग सेट का उपयोग कर पानी की व्यवस्था की गई, ताकि पशु-पक्षियों को पीने का पानी उपलब्ध हो और गर्मी में उनकी प्यास बुझ सके।
शामिल ग्राम पंचायतें
इस अभियान के तहत बलहा विकासखंड की निम्नलिखित ग्राम पंचायतों में तालाबों और अमृत सरोवरों में पानी भरवाया गया:
- मंझौव्वा भुलौरा
- नानपारा देहाती
- गिरधरपुर
- लालबोझी
- गुलरिहा जगतापुर
- भटेहटा
- तुलसीपुर
- चंदनपुर
- महुलीशेर खां
- नरायनपुर कला
इन ग्राम पंचायतों में चलाए गए अभियान ने स्थानीय स्तर पर पानी की उपलब्धता को बढ़ाया और पशु-पक्षियों के लिए जीवन रक्षक साबित हुआ।
बीडीओ बलहा का बयान
खंड विकास अधिकारी सुश्री अपर्णा ने बताया कि विकासखंड बलहा की अधिकांश ग्राम पंचायतों में तालाब, पोखर, और अमृत सरोवर सूखे पड़े थे। उन्होंने कहा, “भीषण गर्मी और घटते जलस्तर के कारण पशु-पक्षी पानी के लिए परेशान थे। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर हमने तत्काल कार्रवाई शुरू की। ट्यूबवेल और जनरेटर के माध्यम से पानी भरवाया गया है, ताकि पशु-पक्षियों की प्यास बुझ सके। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।”
इसे भी पढ़ें: लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर और उनकी महिमा
गर्मी और जल संकट की स्थिति
बहराइच जिले में इस वर्ष गर्मी ने अप्रत्याशित रूप से कहर बरपाया है। तापमान में वृद्धि और भूजल स्तर में कमी के कारण कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। अमृत सरोवर और तालाब, जो पशु-पक्षियों के लिए पानी का प्रमुख स्रोत हैं, सूख गए थे। इस अभियान से पहले, कई गांवों में पशु-पक्षी पानी की तलाश में भटक रहे थे, और कुछ क्षेत्रों में पशुओं की मृत्यु की खबरें भी सामने आई थीं।
हाल ही में, बहराइच में 31 मई तक 131 तालाबों और पोखरों को भरने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 62 तालाब पहले ही भरे जा चुके हैं। यह अभियान उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामुदायिक और पर्यावरणीय प्रभाव
इस अभियान का प्रभाव केवल पशु-पक्षियों तक सीमित नहीं है। तालाबों और अमृत सरोवरों में पानी भरने से स्थानीय पर्यावरण को भी लाभ हुआ है। पानी की उपलब्धता से आसपास के पेड़-पौधों को सहारा मिला, और भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिली। इसके अलावा, ग्रामीण समुदाय को गर्मी के दौरान राहत मिली, क्योंकि तालाब और सरोवर सामुदायिक उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
स्थानीय निवासियों ने इस पहल की सराहना की। मंझौव्वा भुलौरा के एक ग्रामीण, रामलाल ने कहा, “हमारे गांव का तालाब सूख गया था, और गाय-भैंसों को पानी के लिए दूर ले जाना पड़ता था। अब तालाब में पानी भरने से पशुओं को राहत मिली है, और हमारा समय भी बचा है।”
प्रशासन की सक्रियता
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने इस अभियान को गति देने के लिए नहरों और ट्यूबवेल के उपयोग पर जोर दिया। मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चंद्र ने ग्राम पंचायतों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उपायुक्त सतीश पांडे ने तकनीकी सहायता और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की। यह संयुक्त प्रयास प्रशासन की सक्रियता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
अमृत सरोवर योजना का महत्व
अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और जल स्रोतों का विकास करना है। इस योजना के तहत देशभर में हजारों तालाब और सरोवर बनाए गए हैं। हालांकि, कई क्षेत्रों में गर्मी और रखरखाव की कमी के कारण ये सरोवर सूख गए हैं। बहराइच में चलाया गया यह अभियान अमृत सरोवर योजना के मूल उद्देश्यों को पुनर्जनन देने का एक प्रयास है।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
अभियान के बावजूद, कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। कई तालाबों में पानी भरने की स्थायी व्यवस्था का अभाव है, और गर्मी के कारण पानी का वाष्पीकरण तेजी से हो रहा है। बीडीओ सुश्री अपर्णा ने बताया कि भविष्य में नहरों से तालाबों को जोड़ने और नियमित रखरखाव की योजना बनाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायतों को स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: सफल लोगों की 10 सबसे अच्छी आदतें?
बहराइच के बलहा विकासखंड में तालाबों, पोखरों, और अमृत सरोवरों में पानी भरवाने का अभियान भीषण गर्मी के बीच पशु-पक्षियों और ग्रामीण समुदाय के लिए एक वरदान साबित हुआ है। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, और खंड विकास अधिकारी के नेतृत्व में यह पहल न केवल जल संकट से निपटने का एक प्रभावी कदम है, बल्कि यह अमृत सरोवर योजना की महत्ता को भी रेखांकित करता है। इस अभियान से प्रेरित होकर अन्य विकासखंडों में भी इसी तरह के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, ताकि गर्मी के इस दौर में कोई भी जीव प्यासा न रहे।