प्री-लिटिगेशन के 1186 के साथ 403 लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री दिनेश चन्द्र थपलियाल के मार्गदर्शन में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला न्यायालय बालाघाट में 7 खण्डपीठ का गठन किया गया है। जिसमे सिविल न्यायालय बैहर के लिए 03 खण्डपीठ, सिविल न्यायालय कंटगी के लिए 02, लांजी के लिए 1 तथा सिविल न्यायालय वारासिवनी के लिए 6 खंडपीठों का गठन किया गया है। इस प्रकार संपूर्ण जिले में 19 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया। न्यायालयों में लंबित प्रकरणों मे आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक/मनी रिकवरी संबंधी मामलें, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण एवं जल कर/विद्युत चोरी सहित शमनीय प्रकरण और दीवानी इत्यादि विभिन्न प्रकृति के महत्वपूर्ण मामले रखे गये। इसके अलावा प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अंतर्गत बैंक रिकवरी संबंधी मामले तथा विद्युत एवं जल कर/बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि सभी प्रकार के मामले लोक अदालत में निराकरण हेतु विचारार्थ रखे गए। इस तरह प्री-लिटिगेशन के कुल 9262 प्रकरणों में 1186 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही 3650 लंबित प्रकरणों में 403 का निराकरण संभव हो सका।

इनकी रही उपस्थिति
इस दौरान विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) श्री कालूसिंह बारिया, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री अजय कांत पांडे, जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सुरेन्द्र सिंह गुर्जर, कलेक्टर श्री मृणाल मीणा, अति. पुलिस अधीक्षक श्री विजय डाबर, जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री उत्तम कुमार डार्वी, विशेष न्यायाधीश (पाॅक्सो) श्रीमती नौशीन खान, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री मनीष सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री विकास विश्वकर्मा, श्री भूपेन्द्र सिंह, श्री अविनाष छारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीतेन्द्र मोहन धुर्वे ,एवं समस्त बैंक, बीमा, पुलिस विभाग के अधिकारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।