अतुल्य भारत चेतना । समंदर सिह राजपूत
मंडी प्रांगण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संत गोपालकृष्ण महाराज ने कहा- कावड़ उठाना धर्म की रक्षा का संकल्प
राजगढ़। कावड़ उठाना केवल लौकिक क्रिया मात्र नहीं है, यह धर्म की रक्षा का संकल्प है। सोये हुए हिंदू समाज को हर-हर बम-बम कहते हुए जाग्रत करने के लिए कावड़ उठाकर गलियों में निकले है। वर्तमान में हमारी युवा पीढ़ी और छोटे-छोटे बच्चे धर्म से दूर होते जा रहें है उन्हें धर्म से जुड़ना होगा। उक्त बातें राष्ट्रीय संत गोपालकृष्ण महाराज शक्करखेड़ी ने कृषि उपज मंडी राजगढ़ में मां माही शबरी यात्रा में शामिल कावड़ यात्रियों को संबोधित करते हुए कही। श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार को लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दि समारोह खंड राजगढ़ द्वारा निकाली गई कावड़ यात्रा में शामिल 10 हजार से अधिक कावड़िया ने नरसिंह देवला धाम से मां माही का जल भरकर झिरनेश्वर धाम पहुंचकर झिरनेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया।
वही कृषि उपज मंडी राजगढ़ में लोकमाता अहिल्याबाई त्रिशताब्दि समारोह समिति खंड राजगढ़ द्वारा सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन भी हुआ। जहां राजगढ़ की 500 से अधिक माता-बहनों ने शामिल होकर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हुआ। यहां पं. अखिलेश शर्मा द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पार्थिव शिवलिंग का पूजन-अर्चन करवाकर महाआरती की। इस आयोजन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संत गोपालकृष्ण महाराज ने कहा कि मातृशक्ति का समाज मे सदैव योगदान रहा है। धरती पर भगवान बाद में आए है पहले माताएं आई है और माताओं ने भगवान को भी प्रेरणा दी है। उन्होने कहा कि जब माताएं कौशल्या बन जाती है तब राम को अवतार लेना पड़ता है। पार्थिव शिवलिंग के निर्माण कार्यक्रम के बाद कावड़ यात्रियों के साथ नगर में शोभायात्रा भी निकली। जिसमें एक सुसज्जित झांकी में नन्हे बच्चे महापुरुष व शिव-पार्वती की वेशभूषा में शामिल हुए। मंडी में आयोजित कार्यक्रम में मां माही शबरी कावड़ यात्रा के संयोजक लोकेंद्र जाट, सह संयोजक रमेश प्रजापति एवं दिलीप मछार, दत्तिगांव क्षेत्र के जनजाति सामाज के कार्यकर्ता मुन्नालाल पंचोली मंचासिन रहें।
राजगढ़ क्षेत्र के 111 से अधिक गांवों से लोग हुए शामिल –
ऐतिहासिक मां माही शबरी कावड़ यात्रा में राजगढ़ क्षेत्र के 111 से अधिक गांव के सभी जाति-बिरादरी के बच्चों से लेकर बुजुर्ग शामिल हुए। नरसिंह देवला धाम से जलभरक कावड़ यात्री भजनो की धुन पर नाचते-झूमते हुए सरदारपुर नगर, राजगढ़ नगर, रिंगनोद होते हुए झिरनेश्वर धाम पहुँचे। इस दौरान कावड़ यात्रियों के स्वागत हेतु विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। वही कावड़ यात्रा के कृषि उपज मंडी पहुँचने पर व्यापारी संघ द्वारा पोहा, फलाहारी खिचड़ी व चाय वितरित कर कावड़ यात्रियों का स्वागत किया। यात्रा के प्रारंभ होने पर नरसिंह देवला में नरसिंह मंदिर ट्रस्ट, ग्राम हनुमन्त्या, बोदली तथा ग्राम नरसिंह देवला द्वारा कावड़ यात्रियों को फलाहार व चाय वितरित की गई। यात्रा के सरदारपुर पहुँचने पर जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि देवा सिंगार मित्र मंडल व भाजपा सरदारपुर मंडल द्वारा फलाहार व पेयजल वितरित किया गया। वही यात्रा के राजगढ़ पहुँचने पर अरुण सुरेशचंद्र जायसवाल परिवार द्वारा दूध वितरित किया गया तथा विस्डम गुरुकुल द्वारा फरियाली खिचड़ी व रिंगनोद में बजरंग दल द्वारा चाय वितरित कर कावड़ यात्रियों का स्वागत किया गया। मातृशक्ति से लेकर छोटे बच्चों व युवा वर्ग में कावड़ यात्रा हेतु अलग ही उत्साह नजर आया। सभी गांवों से ग्रामीण अपने खर्च से ही कावड़ यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे। यात्रा में 200 से अधिक चार पहिया व छह पहिया वाहनों से ग्रामीण शामिल हुए।
झिरनेश्वर धाम में महाप्रसादी का हुआ आयोजन –
कावड़ यात्रा के झिरनेश्वर धाम पहुँचने पर कावड़ियों द्वारा झिरनेश्वर महादेव का पवित्र माही नदी के जल से जलाभिषेक किया गया। वही झिरनेश्वर धाम पर कावड़ियों के लिए महाप्रसादी का आयोजन किया गया। जहां हजारों की संख्या में कावड़ियों तथा भक्तों द्वारा भोजन प्रसादी ग्रहण की गई। यहाँ झिरनेश्वर भक्त मंडल सहित आसपास के गांव के ग्रामीणों द्वारा अपनी सेवाएं दी।
20 दिन चली यात्रा की तैयारी –
यात्रा के सह संयोजक दिलीप मछार ने बताया कि कावड़ यात्रा को लेकर करीब 20 दिन तैयारी की गई। इस दौरान राजगढ़ खंड के 111 गांवों और मोहल्लों में बैठक कर सशुल्क पंजीयन किया गया। पंजीयन के बाद कावड़ यात्रियों को जलभरने के पात्र दिए गए। कावड़ यात्रा में सेवा भारती, जनजाती विकास मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा भी अपनी सेवाएं दी।