
अतुल्य भारत चेतना
पतित यादव
छुईहा। छुईहा में बहुत धूम धाम से हरेली तिहार मनाया गया ।
छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार का खास महत्व है. ये त्योहार प्रकृति से जुड़ा है. इस पर्व को पूरे छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन से छत्तीसगढ़ में पर्व और त्यौहार की शुरुआत होती है। छत्तीसगढ़ में त्योहारों का सिलसिला हरेली तिहार के साथ ही शुरू हो जाता है. हरेली के दिन किसान अपने कृषि यंत्रों और पशुधन की पूजा करते हैं. इस दिन बैल और हल की पूजा होती है. बच्चे और युवा गेड़ी पर चढ़कर चलते हैं. इस दिन छत्तीसगढ़ महतारी के मंदिर में भारी भीड़ होती है. हरेली सावन महीने की पहली अमावस्या को मनाया जाता है.ऐसे मनाया जाता है हरेली: हरेली पर्व प्रकृति का पर्व है. ये पर्व इंसानों और प्रकृति के बीच के रिश्ते को दर्शाता है. ये वही समय होता है जब कृषि का काम अपने चरम पर होता है. धान रोपाई जैसे महत्वपूर्ण काम इस समय पूरे होते हैं. इस दिन किसान अपने पशुओं को औषधि खिलाते हैं। जिससे वो स्वस्थ रहें और उनका खेती का काम अच्छे से हो सके. हरेली के पहले ही किसान बोआई का काम पूरा कर लेते हैं. हरेली के दिन हर घर में छत्तीसगढ़ी पकवान बनाया जाता है। खासकर इस दिन गुड़ के चीले, ठेठरी, खुरमी और गुलगुला, भजिया जैसे व्यंजन बनते हैं। इस आंचलिक कार्यक्रम को सफल बनाने में ,मा. प्रीतम यादव जी (जिलाध्यक्ष झेरिया यादव समाज ),ग्राम प्रमुख श्री गिरधर यादव ,जनकराम यादव ,लाला राम यादव ,सेत राम ,जत्तेराम दीवान,रामलाल ,मेलाराम,प्रहलाद साहू,कुमार दीवान ,हेमलाल साहू,सालिकराम यादव ,मोहन यादव,सर्वलाल दीवान,गोपाल चक्रधारी, तेजन नागवंशी, धनेश्वर दीवान,पीताम्बर यादव ,भनत राम यादव,आदि का विशेष सहयोग रहा।