
अतुल्य भारत चेतना
वीरेंद्र यादव
छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में किसान अपने कृषि यंत्र हल के साथ सभी उपयोगी औजार कुदाली फावड़ा को धोकर पूजा अर्चना करते हैं।नारियली फेंकने गेड़ी प्रतियोगिता के साथ होता है विभिन्न आयोजन हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस माह पड़ने वाली हर एक तिथि काफी खास होती है। ऐसे ही श्रावण मास की अमावस्या विशेष होती है इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस दिन प्रकृति को आभार व्यक्त किया जाता है इसके साथ ही इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण,पिंडदान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पेड़-पौधे लगाने का विशेष महत्व है। इस साल की हरियाली अमावस्या काफी खास है, क्योंकि रवि पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस साल 2 दिन अमावस्या तिथि होने के कारण असमंजस की स्थिति है कि आखिर कब है श्रावण अमावस्या इसके साथ ही जानें मुहूर्त सहित अन्य जानकारी हरियालीअमावस्यातिथिऔरशुभमुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण की अमावस्या तिथि 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 04 अगस्त,को दोपहर 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से हरियाली अमावस्या रविवार 04 अगस्त को मनाई जाएगी। अभिजीतमुहूर्त- दोपहर 12:00 से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। प्रदोषकाल- शाम 6:00 बजे से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक. हरियालीअमावस्यापरबनेशुभयोग:- हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। रविवार के दिन होने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाएगा। इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही सुबह 6 बजकर 2 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है हरियालीअमावस्याकेदिनदानस्नानकामुहूर्त:- हरियाली अमावस्या पर दान स्नान के दो शुभ मुहूर्त है. पहला मुहूर्त सुबह 5.34 से सुबह 7.17 तक और दूसरा मुहूर्त सुबह 9.01 से सुबह 10.44 तक है। हरियालीअमावस्याकीपूजा विधी हरियाली अमावस्या के दिन सही विधि से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद गंगाजल से पूरे घर को पवित्र करें इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें इसके बाद शिवलिंग का अभिषेख कर बेल पत्र छड़ाएं और भगवान शिव की पूजा करें.इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्र का जाप करें हरियालीअमावस्याका_महत्व:-
हरियाली अमावस्या पर पूजापाठ और दान पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों के नाम से दान पुण्य करने से वे आपसे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं। इस दिन पीपल के पेड़ और तुलसी के पेड़ की पूजा करने से आपके घर में सुख समृद्धि बढ़ती है। हरियाली अमावस्या पर पूजापाठ करने से आपके घर में आर्थिक संपन्नता बढ़ती है।