अतुल्य भारत चेतना
प्रतीक कुमार
डीडीयू नगर। महर्षि दयानन्द सरस्वती का २००वाँ जन्मदिवस फाल्गुन कृष्ण पक्ष दशमी के दिन आर्य समाज मंदिर में मनाया गया।इस दौरान निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में २८० रोगियों का निःशुल्क परीक्षण व दवा वितरण किया गया।

इस दौरान मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर दयालु ने कहा कि स्वामी दयानंद ने वेदों की ओर लौटने की बल दिया था। देश में स्वतंत्रता का मंत्र फूंकने का काम किया।उस दौर में नारियो के शिक्षा पर विशेष बल दिया।बाल विवाह का विरोध किया था।मंत्री जी ने शिविर में हो रहे स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। विधायक रमेश जायसवाल ने कहा कि मैंने सत्यार्थ प्रकाश का अध्ययन किया है। उसका अध्ययन करने से ज्ञात होता है की हमे अपने संस्कृति को जानना है और उसकी रक्षा करनी है। सत्यार्थ प्रकाश पढ़ना अति आवश्यक है। विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव गुरु जी ने कहा कि हम सब एक ही ईश्वर के संतान है।सबके भीतर सहिष्णुता होनी चाहिए।आर्य समाज मंदिर के प्रधान अरुण कुमार आर्य ने कहा कि जब स्वामी दयानंद जी का जन्म हुआ था तो देश मुग़लों के ग़ुलामी के पश्चात अंग्रेजो की ग़ुलामी सह रहा था। देश में स्वतंत्रता का मंत्र फूंका,बाल विवाह का विरोध किया तथा विधवा विवाह का समर्थन किया तथा सभी के शिक्षा पर विशेष बल दिया।हिन्दी भाषी न होते हुए भी अपनी सारी पुस्तके हिन्दी में लिखी।आर्यवीर दल के अधिष्ठाता दीपक आर्य ने कहा कि आर्य वीरदल के तीन मुख्य उद्देश्य है।संस्कृति रक्षा-शक्ति संचय-सेवा कार्य। कहा कि आर्यवीर साल द्वारा नौगढ़ व सोनभद्र के सुदूर वनो में जाकर यज्ञ व शिक्षा व धर्मांतरण जैसे गंभीर विषय पर हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। शिविर में २८० रोगियों का निःशुल्क परीक्षण व दवा वितरण किया गया।इस दौरान सावित्री आर्या, सविता आर्या, दीपक आर्य, सन्दीप आर्य, डॉ अजय आर्य, आशीष आर्य, वेद प्रकाश ब्रजवासी,शीतला प्रसाद चंदेल, भरत लाल अग्रवाल,अशोक सैनी डॉ आनंद श्रीवास्तव, रूपेश गुप्ता, डॉ अभिषेक गुप्ता, डॉ सुनील आर्य डॉ, भावना आर्या आदि लोगों की उपस्थिति रही।
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