4 दिसम्बर से पूर्व जो दिंव्यांग थे लेकिन प्रमाण नहीं, 20 दिसम्बर आते आते मिला प्रमाण भी
जनकल्याण अभियान में प्रशासन गांव की ओर से दिव्यांगजनो को मिली राहत
16 दिनों में प्रशासन ने विशेषज्ञों से कराई जांच और बांटे यूडीआईडी कार्ड
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। जिला प्रशासन ने मात्र 16 दिनों में 10 शिविरों के माध्यम से जिले के ऐसे दिव्यांगजन जो दिंव्यांग तो थे लेकिन न तो किसी लिस्ट में थे ना ही उनके पास कोई प्रमाण था। ऐसे 4448 दिव्यांगों पर फोकस किया। अब स्थिति यह है कि प्रशासन ने 30 दिसम्बर तक 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले जरूरतमंदों को न सिर्फ दिव्यांग प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड देने की स्थिति में है, बल्कि फरवरी तक उनकी आवश्यकता के अनुसार सहायक यंत्र भी उपलब्ध कराने की स्थिति में है। कलेक्टर मृणाल मीना के निर्देशन में दिव्यांजनो को सहायक जीवन उपकरण सेच्युरेशन की योजना बनाई गईं। क्योंकि नवम्बर माह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे कराया गया था। जिसमें दिव्यांजनो का डेटा निकला कि 4448 ऐसे दिंव्यांग है जो दिव्यांग है लेकिन उनके पास कोई प्रमाण नही है ऐसी स्थिति में उनके पास न तो आवश्यक उपकरण है और न ही दिव्यंगता के कारण किसी योजना का लाभ ले पा रहे है। ऐसे दिव्यांजनो को चिन्हित करने के लिए जनकल्याण अभियान में जरूरतमंदों को वास्तविक लाभ दिलाने के लिए कदम 4 दिसम्बर से उठाया गया। अब 23 दिमसबर की स्थिति में प्रशासन ने 10 जनपदों में 10 शिविरों के माध्यम से 2200 दिव्यांगों को वास्तविक रूप से चिन्हित कर लिया गया है। अबइन्हें 30 दिसम्बर तक दिव्यांग प्रमाण पत्र निश्चित तौर पर बांट दिया जाएगा। हालांकि प्रमाण पत्र बांटने का कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। साथ ही योजनानुसार फरवरी 2025 तक सभी को सहायक जीवन उपकरण भी प्रदान कर दिया जाएगा।



6-6 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 5-5 सहयोगीयों ने परखी थी नाड़ी और अस्थियों का जोर
योजनानुसार जिले के सभी विकासखंडों में शिविर आयोजित करने के लिए एक शेड्यूल तैयार किया गया। ऐसा शेड्यूल तैयार किया गया कि जिसमें जिले के विशेषज्ञ डॉक्टर गंभीरता से दिव्यंगता परख सकें। प्रत्येक शिविर में अस्थिरोग, नेत्र रोग, मनोरोग, ईएनटी, मेडिकल विशेषज्ञ के अलावा शिशुरोग विशेषज्ञ डॉक्टरो के साथ ही 5-5 तकनीकी सहायकों को भी शामिल किया गया। विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा जांचने में बाद प्रशासन द्वारा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगों को 30 दिसम्बर तक सभी को दिव्यांग प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड प्रदान करने की दिशा में बढ़ रहा है।
अब उपकरणों के साथ ही दिव्यांगजन का अधिकार दिया जाएगा
प्रशासन द्वारा दिव्यांगजनो को सेच्युरेट करने की पूरी तैयारी कर लिए गई है। इसमें चरणवार कार्य किया जा रहा है। अब चिकित्सको द्वारा चिन्हांकन के पश्चात 4 जनवरी से 13 जनवरी तज एलिम्को की टीम को बुलाकर सत्यापन योजना बनाई गई है। जिसमें चिन्हांकित दिव्यांगों के लिए आवश्यक सहायक जीवन उपकरण बनाये जाएंगे। इसके बाद फरवरी तक सभी को उपकरण प्रदान किये जायेंगे। साथ ही उनकी दिव्यांगता के अनुसार दिव्यांजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुरूप योजनाओ का लाभ देने की दिशा में कार्य प्रचलित है।