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Kairana news; विदेश भेजने के नाम पर 13.25 लाख रुपये ऐंठे: शामली युवक ने युवती समेत कई पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, मुकदमा दर्ज

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना/शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में विदेशी नौकरी के झांसे में एक युवक और उसके चचेरे भाइयों से 13.25 लाख रुपये ऐंठने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित आसिफ ने एक युवती ईशा तोमर समेत कई लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एसपी शामली के आदेश पर कैराना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी वीजा, फ्लाइट टिकट और अन्य खर्चों के नाम पर किश्तों में पैसे ऐंठते रहे, लेकिन न तो नौकरी लगाई और न ही कोई ठोस आश्वासन दिया। यह मामला विदेशी रोजगार धोखाधड़ी के बढ़ते रुझान को उजागर करता है, जहां युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

पीड़ित की आपबीती: मध्यमवर्गीय परिवार की बेरोजगारी बनी ठगी का शिकार

शामली के मोहल्ला पंसारियान निवासी आसिफ (उम्र 28 वर्ष) एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बेरोजगारी की मार झेल रहे आसिफ विदेश में नौकरी की तलाश में थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक रिश्तेदार वाजिद (निवासी मोहल्ला मनिहारों, कस्बा झिंझाना) से हुई। वाजिद ने आसिफ को बताया कि उसका छोटा भाई जुनैद दक्षिण अफ्रीका में रहता है और दोनों भाई विदेशों में नौकरी लगवाने का काम करते हैं। वाजिद ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए आसिफ से जुनैद की बात कराई, जिसने आकर्षक नौकरी के वादे किए।

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इस बात को परिवार में साझा करने पर आसिफ के दो चचेरे भाई – अनस (निवासी सुरजीत कॉलोनी, शामली) और जाबिर (निवासी ग्राम गोगवान) – भी विदेश जाने को तैयार हो गए। तीनों युवकों ने अपने परिवारों के साथ 01 दिसंबर 2024 को वाजिद के झिंझाना स्थित आवास पर पहुंचकर उसके माता-पिता से मुलाकात की। जुनैद के माता-पिता ने भी नौकरी लगवाने का पूरा आश्वासन दिया। जुनैद की मां छम्मों ने व्हाट्सएप पर जुनैद से उनकी बात कराई, जो और मजबूत विश्वास जगाने वाली साबित हुई।

धोखे की शुरुआत: पासपोर्ट और शुरुआती किस्तें

जुनैद ने युवकों को ईशा तोमर नामक महिला से मिलने और पासपोर्ट जमा करने के साथ प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये देने का निर्देश दिया। पीड़ितों ने ईशा तोमर के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। 05 दिसंबर 2024 को तीनों सेक्टर-27, नोएडा पहुंचे और ईशा को अपने पासपोर्ट सौंप दिए। साथ ही, 60 हजार रुपये (तीनों के लिए) पेटीएम के जरिए ट्रांसफर कर दिए। शेष 30 हजार रुपये 12 दिसंबर को ईशा के बैंक खाते में जमा कराए।

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इसके बाद धीरे-धीरे ईशा तोमर और जुनैद ने वीजा, फ्लाइट टिकट, मेडिकल टेस्ट और अन्य खर्चों के नाम पर किश्तों में पैसे ऐंठने शुरू कर दिए। आरोपी लगातार वादे करते रहे, लेकिन कोई प्रगति नहीं दिखाई। पीड़ितों ने कुल 8.30 लाख रुपये तक जमा करा दिए, लेकिन संदेह होने पर जुनैद और ईशा से स्पष्टीकरण मांगा तो बहाने बनाए गए।

धमकी का तांडव: 5 लाख की मांग पर मजबूरन 3.95 लाख दिए

सबसे बड़ा झटका 17 मई 2025 को लगा, जब ईशा तोमर खुद पीड़ितों के मोहल्ला पंसारियान स्थित आवास पर पहुंची। उसने वीजा प्रक्रिया पूरी करने के लिए 5 लाख रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था करने को कहा। धमकी देते हुए बोली, “यदि पैसे नहीं दिए तो वीजा कैंसल हो जाएगा और पहले जमा की गई राशि भी डूब जाएगी।” आर्थिक तंगी के बावजूद पीड़ितों ने जैसे-तैसे इंतजाम कर ईशा को 3.95 लाख रुपये नकद दे दिए। इस तरह, कुल 13.25 लाख रुपये ऐंठ लिए गए।

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आरोपियों ने न तो वीजा उपलब्ध कराया, न फ्लाइट टिकट जारी किया, और न ही कोई लिखित दस्तावेज प्रदान किया। जब पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे तो आरोपी फोन बंद करने लगे और गायब हो गए। आसिफ ने बताया, “हमारा पूरा परिवार बर्बाद हो गया। मेहनत की कमाई गई, भविष्य अंधकारमय हो गया।”

मुकदमा दर्ज: एसपी के आदेश पर कार्रवाई शुरू

पीड़ित आसिफ ने इसकी शिकायत एसपी शामली से की, जिनके आदेश पर कैराना कोतवाली में धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी का दुरुपयोग) एवं अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी वाजिद, जुनैद, छम्मों, ईशा तोमर और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें आरोपी के बैंक खातों, मोबाइल रिकॉर्ड और नोएडा के पते की तलाश की जा रही है। एसपी शामली ने कहा, “ऐसे धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। हम आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करेंगे और पीड़ित का पैसा वापस दिलाने का प्रयास करेंगे।” पीड़ित ने अदालत से सख्त कार्रवाई और आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग की है।

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बढ़ते विदेशी नौकरी घोटाले: एक चेतावनी

यह मामला उत्तर प्रदेश में विदेशी रोजगार धोखाधड़ी के बढ़ते सिलसिले को दर्शाता है। हाल ही में नोएडा पुलिस ने इसी तरह के एक गिरोह का पर्दाफाश किया, जहां गल्फ देशों की नौकरियों के नाम पर लाखों ऐंठे गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि युवा MEA (विदेश मंत्रालय) या राज्य प्रवासी कल्याण बोर्ड से मान्यता प्राप्त एजेंटों से ही संपर्क करें। अनजान व्हाट्सएप कॉल्स और बड़े वादों से बचें। पीड़ित परिवार ने अन्य युवाओं को सतर्क रहने की अपील की है।

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